Royal Enfield Flying Flea C6 – बाइक छोटी लेकिन कहानी बड़ी

जब हम रॉयल एनफील्ड का नाम सुनते हैं, तो हमारे ज़हन में एक भारी-भरकम बुलेट की तस्वीर आती है — दमदार आवाज़, रॉयल फील और ज़बरदस्त स्टाइल। लेकिन क्या आपने कभी रॉयल एनफील्ड की सबसे छोटी और सबसे हल्की मोटरसाइकिल के बारे में सुना है? नाम है फ्लाइंग फ्ली C6। सुनने में नाम छोटा सा लगा है, लेकिन इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है।

जानते है  ‘फ्ली’ आखिर है क्या?

Flying Flea का  मतलब होता है – “उड़ती हुई पिस्सू”।  नाम थोड़ा अजीब ज़रूर है, लेकिन इसमें छुपी है इस बाइक की  सबसे बड़ी खासियत – इसको दिलचस्प बनाता है इसका हल्का और फुर्तीला होना। इस मोटरसाइकिल को द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) के दौरान बनाया गया था, जब ब्रिटिश सेना को एक ऐसी बाइक की ज़रूरत थी जो हवाई जहाज़ से नीचे फेंकी जा सके और जिसे सैनिक युद्ध के दोहरान तुरंत इस्तेमाल कर सकें। वारियर बाइक के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली बाइक में से एक आती हैI

एकदम हल्की-फुल्की – लेकिन बड़ी दमदार

इस बाइक का वजन सिर्फ 56 किलो था! यानी आप चाहें तो इसे दो लोगों की मदद से उठा भी सकते थे। इसमें पावर की बात करे तो 125cc का टू-स्ट्रोक इंजन था, जो लगभग 4 बीएचपी की ताकत देता था। सुनने में मामूली लगता है, लेकिन उस वक्त के हिसाब से यह काफी था — खासकर युद्ध जैसे हालातों में।

इसमें तीन गियर थे और इसकी टॉप स्पीड करीब 65 किमी/घंटा तक जाती थी। क्लच, ब्रेक और बाकी चीज़ें बेहद सिंपल थीं, ताकि सैनिक बिना ज्यादा सीखे भी इसे चला सकें।

हवा से जमीन पर – और फिर सीधा जंग के मैदान में

अब ज़रा सोचिए — एक छोटी सी मोटरसाइकिल को पैराशूट के साथ हवाई जहाज़ से नीचे गिराया जाता था। जैसे ही सैनिक ज़मीन पर उतरते, वे जल्दी से बाइक को फ्रेम से निकालते और दुश्मन की तरफ बढ़ जाते। यह बाइक उन जगहों पर भी चल सकती थी जहां बड़ी गाड़ियाँ नहीं जा सकतीं — कीचड़, जंगल, संकरे रास्ते — सब जगह चलने में ये बाइक बड़ा अहम रोल दिखाती थी इसकी पकड़ भी मज़बूत थी।

तकनीकी जानकारी – छोटी लेकिन दमदार

विशेषता जानकारी
इंजन 125cc, टू-स्ट्रोक, सिंगल सिलेंडर
गियर सिस्टम 3 स्पीड मैनुअल
वजन लगभग 56 किलोग्राम
टॉप स्पीड करीब 65 किमी/घंटा
ड्राइव टाइप चेन ड्राइव

इस मोटरसाइकिल का डिज़ाइन बहुत ही सिंपल और फंक्शनल था – कोई तामझाम नहीं, सीधा-सपाट उपयोग।

युद्ध के बाद क्या हुआ आखिर इसका ?

जब जंग खत्म हुई, तो इस मोटरसाइकिल का उत्पादन एक दम से बंद कर दिया गया। लेकिन इसकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। 
कुछ यूनिट्स आम लोगों को भी बेची गईं और आज यह बाइक विंटेज कलेक्टर्स के लिए किसी खज़ाने से कम नहीं। कई म्यूज़ियम
में इसे संभाल कर रखा गया है, और कुछ दीवाने लोग इसे आज भी सड़को पर लेके या  रेस्टोर कर आज भी सड़कों पर चलाते हैं।

एक विरासत जो आज भी जिंदा है-

रॉयल एनफील्ड ने 2020 में फ्लाइंग फ्ली को याद करते हुए एक ट्रिब्यूट कॉन्सेप्ट मॉडल भी पेश किया था। इससे साफ है कि कंपनी भी अपनी इस खास बाइक को नहीं भूली है। और क्यों भूले? फ्लाइंग फ्ली ने दिखाया कि एक बाइक सिर्फ सवारी भर नहीं, बल्कि एक रणनीतिक साथी भी हो सकती है।

भारत में क्या रोल रहा?

भारत में (“रॉयल एनफील्ड फ्लाइंग फ्ली C6) – द्वितीय विश्व युद्ध के समय की ऐतिहासिक मोटरसाइकिल, हल्के वज़न और दमदार प्रदर्शन के साथ। इसकी विरासत और तकनीकी खूबियों के बारे में जानिए।”    फ्लाइंग फ्ली कभी आधिकारिक तौर पर लॉन्च नहीं हुई। लेकिन रॉयल एनफील्ड की मिलिट्री बैकग्राउंड को भारतीय लोग बहुत पसंद करते हैं। बुलेट की जड़ें भी तो ब्रिटिश आर्मी से ही जुड़ी हैं! ऐसे में फ्लाइंग फ्ली को जानना, उस इतिहास को जानने जैसा है जिससे रॉयल एनफील्ड की पहचान बनी।

आखिए में –

Royal Enfield Flying Flea C6 कोई आम मोटरसाइकिल नहीं थी। यह एक ऐसा वाहन था जो युद्ध के मैदान में सैनिकों का साथ देता था
 तेज़, हल्का और भरोसेमंद। भले ही आज यह बाइक सड़कों पर नहीं दिखती, लेकिन इसकी कहानी अब भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है।

 

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