“Aap Jaisa Koi” – एक आधुनिक प्रेम कहानी, संवेदनशीलता और सामाजिकता का खूबसूरत संगम
Netflix की नई प्रेम-कथा Aap Jaisa Koi (11 जुलाई 2025 को रिलीज़) एक ऐसी फ़िल्म है जो पारंपरिक रोमांस और समसामयिक लव-स्टोरी की सीमा को पार करते हुए, दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है। इसका निर्देशन विवेक सोनी ने किया है, जिन्हें Meenakshi Sundareshwar जैसी फिल्मों का अनुभव है, और इस फ़िल्म को करण जौहर की धर्मैटिक एंटरटेनमेंट ने प्रस्तुत किया है।
Aap Jaisa Koi: एक प्यारी सी प्रेम कहानी, जो दिल को छू जाए
जरा सोचिए, अगर आपको 40 की उम्र में भी वो पहला प्यार महसूस हो, तो कैसा लगेगा?
नेटफ्लिक्स पर आई नई हिंदी फिल्म “Aap Jaisa Koi” कुछ ऐसी ही दिलचस्प कहानी है। इसमें रोमांस है, समाज की सोच से लड़ाई है और ढेर सारी वो भावनाएँ, जो हमें इंसान बनाती हैं।
इस फिल्म में दो बिल्कुल अलग-अलग दुनिया के लोग हैं।
एक तरफ हैं श्रीरेणु त्रिपाठी (आर माधवन) – जमशेदपुर के रहने वाले, संस्कृत पढ़ाने वाले, थोड़े शर्मीले, पारंपरिक किस्म के। उम्र हो गई है, लेकिन अभी तक शादी नहीं हुई। रिश्ते-नाते की बातें तो उनके लिए किसी किताब के पन्नों जैसी हैं – पढ़ी तो हैं, लेकिन असल में जी नहीं पाए।
दूसरी तरफ हैं मधु बोस (फातिमा सना शेख) – कोलकाता की एक फ्रेंच टीचर, जो जिंदगी अपने नियमों पर जीना जानती है। वो खुले दिल की है, अपने मन की करती है और प्यार को बराबरी पर जीना चाहती है।
इन दोनों की मुलाकात होती है एक डेटिंग ऐप पर। सोचिए, उम्र का फर्क इतना, सोच भी काफी अलग, फिर भी कुछ तो है जो इन्हें एक-दूसरे की ओर खींच लाता है। बातचीत, मुलाकातें और फिर धीरे-धीरे दोनों की ज़िंदगी में प्यार आने लगता है।
इनकी कहानी में क्या खास है?
ये फिल्म कोई टिपिकल बॉलीवुड रोमांस नहीं है। इसमें वो हीरोइन का गिरना और हीरो का थामना वाला फॉर्मूला नहीं है।
बल्कि यहाँ दो सुलझे हुए बड़े लोग हैं, जिनकी अपनी जिम्मेदारियाँ हैं, अपनी जड़ें हैं और अपने डर भी।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे श्रीरेणु अपने परिवार की उम्मीदों के बोझ तले दबे रहते हैं। उनकी माँ, बहनें, समाज – सब उन्हें “ठीक ठाक लड़की” से शादी करने की सलाह देते रहते हैं। वहीं मधु को भी अपने फैसलों के लिए ताने सुनने पड़ते हैं।
इन सबके बीच जब प्यार आता है, तो वो सिर्फ हंसी-मजाक नहीं देता, बल्कि उन्हें खुद से सवाल पूछने पर मजबूर करता है –
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क्या प्यार में उम्र मायने रखती है?
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क्या महिला-पुरुष में बराबरी सच में हो पाती है?
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क्या हम अपने लिए जीने की हिम्मत कर पाते हैं?
किरदारों की अदायगी
आर माधवन ने श्रीरेणु के रोल में कमाल कर दिया है। उनकी आँखों में वो संकोच, वो झिझक इतनी असली लगती है कि लगता है सच में हमारे मोहल्ले का कोई अंकल हों।
वहीं फातिमा ने मधु को बहुत जीवंत बनाया है। उनका आत्मविश्वास, उनकी मुस्कान, उनका अपने फैसलों पर अडिग रहना – सब बहुत नैचुरल लगता है।
दोनों की केमिस्ट्री भी खूब जमी है। आपको लगेगा कि ये सच में धीरे-धीरे एक-दूसरे की दुनिया में उतर रहे हैं।
फिल्म का माहौल और म्यूजिक
फिल्म का ज्यादातर हिस्सा जमशेदपुर और कोलकाता में शूट हुआ है। छोटे-छोटे गली मोहल्लों की वो अपनी सी खुशबू, घर की खिड़की से आती रौशनी, लोकल मिठाई की दुकान – सब बहुत अपनापन देते हैं।
म्यूजिक भी दिल को छूता है। कहीं धीमा-धीमा बजता गिटार, कहीं सॉफ्ट पियानो – जो इस प्रेम कहानी में और भी रंग भर देता है।
फिल्म का संदेश
ये फिल्म बताती है कि प्यार सिर्फ जवान दिलों की बपौती नहीं है।
ये हर उस इंसान के लिए है, जो अपने दिल की सुनने की हिम्मत रखता है।
ये हमें समझाती है कि रिश्ते में बराबरी कितनी जरूरी है।
और ये भी कि परिवार, समाज चाहे जो कहे, आख़िर में आपकी खुशी आपके अपने हाथ में है।
क्यों देखें?
अगर आपको हल्की-फुल्की लेकिन सोचने पर मजबूर करने वाली कहानियाँ पसंद हैं, तो Aap Jaisa Koi जरूर देखें।
ये आपको प्यार, रिश्तों और समाज के नजरिए को एक नई नजर से देखने पर मजबूर करेगी।
आख़िर में
तो कुल मिलाकर, ये फिल्म दिल को छू जाने वाली एक प्यारी सी लव स्टोरी है।
जहाँ रोमांस है, हँसी है, थोड़ी सी उदासी भी, और ढेर सारा जीवन का सच।
तो अगली बार नेटफ्लिक्स खोलें, तो इस फिल्म को अपनी लिस्ट में जरूर जोड़ें।
शायद आपको भी इसमें अपना कोई अधूरा सपना, कोई भूली-बिसरी चाह नजर आ जाए।
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