8वें वेतन आयोग से बढ़ेगी सैलरी और पेंशन? जानें ताजा अपडेट और संभावित तारीख

8th Pay Commission: भारत में हर दस साल बाद जब नया वेतन आयोग बनने की चर्चा शुरू होती है, तो लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के चेहरों पर उम्मीद की चमक साफ नजर आने लगती है। अब वही माहौल फिर बन रहा है। सातवें वेतन आयोग की मियाद खत्म होने के करीब है और सभी की नजरें 8वें वेतन आयोग पर टिक गई हैं। करीब 1.1 करोड़ कर्मचारी और पेंशनर्स बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि इससे उनकी सैलरी और पेंशन में अच्छी बढ़ोतरी होगी, जिससे महंगाई के इस दौर में उनका बजट थोड़ा सहज हो सकेगा।

8वें वेतन आयोग से जुड़ी उम्मीदें फिर से बढ़ीं

भारत में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए वेतन आयोग हमेशा से बड़ी राहत लेकर आता है। अब जब सातवें वेतन आयोग की अवधि दिसंबर 2025 में पूरी होने वाली है, तब 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं फिर से तेज हो गई हैं। करीब 1.1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इसकी घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

इस आयोग से उनकी सैलरी और पेंशन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके लागू होने पर लाखों परिवारों को सीधा फायदा होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। खासकर बढ़ती महंगाई और रोजमर्रा के खर्चों को देखते हुए यह उनके लिए बहुत जरूरी भी है।

आयोग में देरी क्यों हो रही है

हर दस साल में एक नया वेतन आयोग गठित होता है। छठा वेतन आयोग 2006 में आया था और उसके बाद 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ। अब यह सिलसिला 8वें वेतन आयोग तक पहुंच चुका है।

मगर हैरानी की बात यह है कि अब तक न तो सरकार ने कोई आधिकारिक घोषणा की है और न ही आयोग के गठन से जुड़ी औपचारिक प्रक्रिया शुरू की है। Terms of Reference यानी आयोग किन मुद्दों की समीक्षा करेगा, यह भी सरकार ने स्पष्ट नहीं किया। यही वजह है कि कर्मचारी और पेंशनर्स थोड़े नाराज हैं और अपने संगठनों के जरिए लगातार सरकार पर दबाव भी बना रहे हैं।

कितना बढ़ सकता है वेतन और पेंशन

आर्थिक रिपोर्ट्स और विश्लेषकों का मानना है कि इस बार आठवें वेतन आयोग से कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी तथा पेंशन में करीब 30 से 34 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है। माना जा रहा है कि फिटमेंट फैक्टर 1.83 से लेकर 2.46 तक रह सकता है।

इससे उनके बेसिक पे के साथ महंगाई भत्ता यानी डीए भी बढ़ जाएगा। कुल मिलाकर उनकी मासिक इनकम में लगभग एक-तिहाई की बढ़ोतरी हो सकती है। मौजूदा समय में जब रोजमर्रा के सामान से लेकर सेवाएं तक महंगी होती जा रही हैं, यह बढ़ोतरी उनके लिए बहुत बड़ी राहत साबित होगी।

कर्मचारी संगठनों की नाराजगी और मांग

पिछली बार सातवें वेतन आयोग में सिर्फ 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। यह अब तक के सभी वेतन आयोगों में सबसे कम थी। इसलिए इस बार कर्मचारी और पेंशनर्स चाहते हैं कि सरकार ज्यादा दर से वेतन और पेंशन बढ़ाए।

यही वजह है कि कई राज्यों में कर्मचारी संगठन शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि केंद्र सरकार इस पर तेजी से काम करे। कई जगह पेंशनर्स ने भी अपने-अपने संगठन बनाकर आठवें वेतन आयोग को जल्द लागू करने की अपील की है।

कब तक लागू हो सकता है नया वेतन आयोग

पहले ऐसा अनुमान था कि सरकार जनवरी 2026 से ही आठवें वेतन आयोग को लागू कर देगी ताकि सातवें वेतन आयोग के खत्म होते ही नए वेतनमान पर भुगतान शुरू हो जाए। लेकिन फिलहाल आयोग के गठन में देरी को देखते हुए माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया अब 2026-27 वित्त वर्ष तक जा सकती है।

ऐसे में कर्मचारियों को फिलहाल पुराने वेतनमान पर ही काम करना होगा। बाद में जब आयोग की सिफारिशें लागू होंगी, तो कर्मचारियों को बकाया एरियर भी मिल सकता है। इससे उनके हाथ एकमुश्त मोटी रकम आ सकती है।

सरकार के सामने क्या चुनौतियां हैं

सरकार को आठवें वेतन आयोग लागू करने के लिए कई अहम कदम उठाने होंगे। सबसे पहले आयोग का गठन करना होगा, फिर उसके लिए चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति करनी होगी। इसके बाद आयोग के Terms of Reference तैयार किए जाएंगे। आयोग फिर अपने स्तर पर समीक्षा करेगा और रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगा। सरकार कैबिनेट में इस रिपोर्ट को मंजूरी देगी और इसके बाद ही इसे लागू करने का नोटिफिकेशन जारी होगा।

इस पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर 1.5 से 2 साल का समय लग ही जाता है। ऐसे में कर्मचारी संगठन चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द आयोग का गठन करे ताकि पूरी प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके और उन्हें ज्यादा देर तक इंतजार न करना पड़े।

आगे की राह और कर्मचारियों की उम्मीदें

आठवें वेतन आयोग को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स में काफी उम्मीदें हैं। माना जा रहा है कि इससे उनकी सैलरी और पेंशन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और महंगाई के इस दौर में उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

हालांकि अभी तक आयोग के गठन में देरी हो रही है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ महीनों में सरकार इस दिशा में कदम बढ़ाएगी और आयोग का गठन कर उसे जरूरी जिम्मेदारियां सौंपेगी। तब तक कर्मचारियों और पेंशनर्स को थोड़ा धैर्य रखना होगा।

आखिरकार जब यह आयोग लागू होगा, तो करोड़ों परिवारों को इसका फायदा मिलेगा और उनकी वित्तीय स्थिति बेहतर होगी। अगर आप भी केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनर हैं, तो आने वाले हर अपडेट पर नजर रखें और अपने संगठनों के जरिए सरकार तक अपनी मांग पहुंचाते रहें।

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